Farmers News, गन्ने की फसल तैयार होने में 10 से 12 महीने का समय लगता है। इसलिए इसे एक लंबी अवधि की फसल माना जाता है। इस दौरान किसान कुछ ऐसी फसलें उगाकर लाभ उठा सकते हैं जो गन्ने के साथ उगाई जा सकती हैं।
Governmentjobs Webteam: नई दिल्ली: बता दें कि गन्ने से पहले भी कुछ फसल पकने के बाद तैयार हो जाती है। लाभदायक फसलों का चयन कर इस फसल को गन्ने की फसल से पहले बेचकर लाभ कमाया जा सकता है।
गन्ने के साथ निम्नलिखित फसलें उगाई जा सकती हैं
बता दें कि जिन किसानों ने फरवरी-मार्च में वसंत ऋतु में गन्ना बोया है। वह गन्ने के साथ उड़द, धनिया, मेथी, मूंग की भी खेती कर सकते हैं। इन फसलों को गन्ने के अनुपात में बोया जाता है। जिसकी जानकारी इस प्रकार है-
बता दें कि अगर आप गन्ने के साथ उड़द की खेती करना चाहते हैं तो इसका अनुपात 1.1 रखें। यानी एक कतार गन्ने की और दूसरी कतार उड़द की लगाएं।
अगर आप गन्ने के साथ मूंग की खेती करना चाहते हैं तो इसका अनुपात भी 1.1 करना होगा।
यदि गन्ने के साथ धनिया की खेती हो तो गन्ना व धनिया की बुआई 1.3 के अनुपात में करें।
गन्ने के साथ मेथी की फसल उगाने पर आपको इसका अनुपात 1.3 ही रखना है।
दलहनी फसलों से मध्य प्रदेश के किसानों की अधिक कमाई होती है
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के कई किसान मूंग की खेती से अतिरिक्त कमाई करते हैं जब उनके खेत खाली होते हैं क्योंकि दलहनी फसलों में उड़द और मूंग की बाजार में मांग बहुत अच्छी होती है और बाजार में इसकी कीमत भी बहुत अच्छी होती है।
इसलिए किसानों को गन्ने के साथ मूंग व उड़द की खेती कर लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही यह भी बता दें कि मध्य प्रदेश में राज्य सरकार खुद किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद करती है.
गन्ने के साथ मूंग और उड़द की खेती के फायदे
गन्ने के साथ मूंग और उड़द की खेती से जमीन की उर्वरता बढ़ती है और खाद पर खर्च भी कम आता है क्योंकि गन्ने में जो खाद आप डालेंगे वही दलहनी फसल में भी फायदा देगी। इन फसलों में आपको ज्यादा सिंचाई करने की भी जरूरत नहीं होती है।
मूंग, उड़द की फसल से गन्ने की फसल को नाइट्रोजन प्राप्त होती है, जो गन्ने की फसल के उत्पादन के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है।